अंत से भी अनंत
भावनाएं अंत से भी अनंत हैं और जहां पर लगता है ये खत्म हो जाएगी वहाँ से एक शून्य आकाश शुरू हो जाता है | अगर इसमें पीड़ा है तो क्या उस पीड़ा की सीमा ढूंढ पाता हूँ, अगर पहुँच भी जाऊं तो वह फिर से शुरुआती बिंदु प्रतीत होती है | क्या मेरे सुख की भी कोई सीमा है? यह भी तो प्राप्ति के साथ विस्तार करता रहता है | मैं आकाश शून्य हूँ या आकाश अनंत ?
#feeling #life
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