27 September, 2016

Washing Machine Buying Guide वाशिंग मशीन बाइंग गाइड

Washing Machine Buying Guide




वाशिंग मशीन आज के युग में बहुत जरुरी सामान बन चुका है अब वो दिन गए जब हाथों से कपड़े धोए जाते थे । हाथों से कपड़े धोने में बहुत सारी मेहनत और समय लगता है और वाशिंग मशीन के उपयोग से उस काम के बोझ को कम किया जा सकता है । वस्तुतः वाशिंग मशीन एक कपड़े धोने की मशीन होती है जिसमें कपड़े धुलते और सूखते है । इससे कपड़े धोने का तरीका पूरी तरह बदल गया है । अगर आप भी वाशिंग मशीन खरीदने जा रहे है तो आइये सबसे पहले जानते है कि वाशिंग मशीन कितने प्रकार की होती है । 

वाशिंग मशीन के प्रकार 


1. टॉप लोड वाशिंग मशीन

2. फ्रंट लोड वाशिंग मशीन 


1. टॉप लोड वाशिंग मशीन 


इसमें वाशिंग मशीन के दरवाजा ऊपर की तरफ से खुलता है और कपड़े ऊपर से डाले जाते है । यह दो प्रकार की होती है- सेमी ऑटोमैटिक या फुल्ली ऑटोमैटिक ।

(i) सेमी ऑटोमैटिक वाशिंग मशीन 

इसमें वाशिंग और डॉइंग के लिए दो अलग-अलग टब होते है । इसको सेमी ऑटोमैटिक वाशिंग मशीन इसलिए कहा जाता है क्योंकि आपको कपडे वाशिंग टब में धोने के बाद हाथ से ड्रायर में डालने पड़ते है । ड्रायर वह जगह होती है जहाँ कपडे धोने के बाद सुखाये जाते है । सेमी ऑटोमैटिक वाशिंग मशीन कीमतों के मामलें में सस्ती होती है । 

(ii) फुल्ली ऑटोमैटिक वाशिंग मशीन

इसमें सिर्फ एक ही टब होता है जिसमें वाशिंग और डॉइंग होती है और कपड़े धुलने और सूखने के बाद निकाले जाते है । इसमें आप कपड़े डाले और प्रोग्राम सेट कर लीजिये और मशीन बाकी सारा काम खुद कर लेती है । मशीन खुद पहले वाश फिर डॉइंग का काम स्टेप बाई स्टेप कर लेती है । 

2. फ्रंट लोड वाशिंग मशीन 


इसका दरवाजा आगे की तरफ को खुलता है और कपड़े आगे से डाले जाते है । यह टॉप लोड वाशिंग मशीन के मुकाबले महॅंगी होती है । परंतु एनर्जी एफ़्फीसेंट होती है यानि कम पानी, कम बिजली खर्च करती है और अच्छे परिणाम देती है । इसमें सबसे ज्यादा एडवांस फीचर होते है लेकिन इसमें आप कपड़े धोने के बीच में और कपड़े नहीं डाल सकते है । यह फुल्ली ऑटोमैटिक होती है ।

वजन क्षमता के हिसाब से


इससे मतलब यह है कि आप एक बार में वाशिंग मशीन में कितने कपड़े धो सकते है । इसमें 3 kg से लेकर 12 kg क्षमता के हिसाब से वाशिंग मशीन घरेलु उपयोग के लिए उपलब्ध है ।




वाशिंग मशीन ख़रीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान 


क्षमता - धुलने वाले कपड़े 

इस बात का ध्यान रखे की आपको कितने कपड़े धोने है । आपका परिवार छोटा है या बड़ा है इस हिसाब से धुलने वाले कपड़ो की संख्या भी घटेंगी या बढ़ेगी और अगर आप हैवी कपड़े जैसे चादर, कवर आदि भी धोना चाहते है । तो आपको ये जानना जरुरी है की कितने लोड क्षमता वाली वाशिंग मशीन आपने ख़रीदनी चाहिए । इसमें 3 से 12 kg लोड क्षमता के हिसाब से वाशिंग मशीन उपलब्ध है । 5 kg से 6 kg तक की वाशिंग मशीन अकेले इंसान के लिए ठीक रहती है । 7 - 8 kg एक छोटे परिवार के लिए ठीक रहती है । और अगर बड़ा परिवार है तो 9 से 12 kg तक की वाशिंग मशीन ले सकते है । इसलिए आपको वाशिंग मशीन खरीदने से पहले इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए । 

जगह 

वाशिंग मशीन तो लेना चाहते है पर आपके पास उसको रखने की जगह नहीं है । इन बातों का ध्यान आपको पहले ही रख लेना चाहिए की आपके पास जगह कितनी है । सेमी ऑटोमैटिक वाशिंग मशीन को रखने के लिए अधिक जगह ही आवश्यकता पड़ती है क्योंकि इसमें दो अलग-अलग टब होते है जिससे इसका साइज बढ़ जाता है । वही फुल्ली ऑटोमैटिक वाशिंग मशीन को कम जगह की जरुरत पड़ती है । फ्रंट लोड वाशिंग मशीन का दरवाजा आगे की ओर को खुलता है इसलिए इसमे आपको आगे की तरफ खुली जगह की आवश्यकता होती है । 

स्पिन साइकिल 

आपकी वाशिंग मशीन कितनी क्षमता से घूमती है यह मान आपको RPM (Revolutions per minute) (घूर्णन प्रति मिनट ) में लिखा हुआ मिल जायेगा । सामान्यतः 600 से 1800 RPM के मध्य वाशिंग मशीन उपलब्ध होती है । माना जाता है जितना ज्यादा RPM होगा उतनी अच्छी वाशिंग मशीन की कपड़े धोने की क्षमता होगी । 

शोर और कम्पन Noise and Vibration 

कई बार वाशिंग मशीन लेने के बाद उपभोक्ता को ये शिकायत रहती है कि यह शोर बहुत करती है या इसमें कम्पन बहुत होता है । कई बार यह किसी खराबी की वजह से हो सकता है परंतु आजकल कंपनी इस और भी ध्यान देती है और नॉइज़ का विवरण लिख कर देती है आपको कम db नॉइज़ वाली वाशिंग मशीन ख़रीदनी चाहिए इसी तरह कम कम्पन डिज़ाइन वाली वाशिंग मशीन भी आती है ।  इसलिए आप वाशिंग मशीन लेने से पहले इस तरफ भी जरूर ध्यान दे । 

ऊर्जा संरक्षण Energy Efficiency

आजकल बाजार में ऐसी वाशिंग मशीन आती है जो कम बिजली यूज़ करती है कम पानी और डिटर्जेंट यूज़ करती है । आप वाशिंग मशीन की स्टार पावर रेटिंग भी देख सकते है । फ्रंट लोड वाशिंग मशीन सबसे कम पानी और बिजली का उपयोग करती है । 

बजट Pricing

बजट भी एक महत्वपूर्ण बिन्दु होता है कोई भी सामान ख़रीदने से पहले । सेमी ऑटोमैटिक सबसे सस्ती होती है और फ्रंट लोड वाशिंग मशीन सबसे महँगी । अपने बजट के अनुसार वाशिंग मशीन का चुनाव करें और इस बात का ध्यान भी रखे की उस बजट पर आपके पास क्या - क्या विकल्प है ।

वारंटी After Sales Services and Warranty 

इस बात पर भी ध्यान दे कि कंपनी आपको आफ्टर सेल्स क्या क्या सर्विस दे रही है और आपको कितने समय की वारंटी कंपनी द्वारा दी जा रही है । यह भी पता कर लें  कि किस कंपनी की आफ्टर सेल्स, सर्विस अच्छी है ।  

स्पेशल फीचर 

कंपनी अलग अलग फीचर के साथ ग्राहकों को सुविधाएं देती है जिनमें ऑटोमैटिक डिस्पेंसर्स ( जिसमें आप एक बार में डिटर्जेंट भर देते है और मशीन खुद-ब-खुद लोड या कपड़ो के भार के अनुसार डिटर्जेंट यूज़ करती जाती है और आपको बचे हुए का विवरण भी देती है ) , एयर ड्रायर, एंटी-वाइब्रेशन डिज़ाइन, डिले टाइमर, ऑटो-रीस्टार्ट, स्मार्ट रिंस, फजी लॉजिक आदि बहुत सारे ऑप्शन देती है । आप इनके बारे में भी ख़रीदते समय जानकारी जरूर मांगे ।      

आशा करता हूँ आपको यह जानकारी जरूर पसंद आएगी और यह वाशिंग मशीन ख़रीदने में आपके काम आएगी और अगर आपका कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट लिख कर हम से पूछ भी सकते है ।




16 September, 2016

आधुनिक जीवन-शैली और स्वास्थ्य

हम आज आधुनिक जीवन शैली में रहते है । जहाँ एक ओर तकनीकी ने हमारे जीवन को बहुत सुविधाजनक और आरामदेय बना दिया है वही दूसरी ओर खानपान की आदतों और जीवन शैली ने जिस चीज़ को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है वह है मानव स्वास्थ्य । वस्तुतः जीवन शैली हमारे हर दिन के कामों और व्यवहारों का ही रूप है, जिसके अंतर्गत जो काम हम करते है, खान पान, खाली समय में क्या करते है, हमारा व्यवहार आते है । इस जीवन शैली ने मानव स्वास्थ्य पर क्या- क्या प्रभाव डाले है आज उन पर चर्चा करते है -

आधुनिक जीवन-शैली व बीमारियाँ 


गुस्सा - जो चीज़ इस जीवन शैली में इंसान में सबसे ज्यादा बढ़ रही है वह है इंसान के अंदर का गुस्सा । छोटी- छोटी बातों में भी इंसान गुस्सा करने लगा है इस गुस्से की वजह तनाव, काम का प्रेशर, चिड़चिड़ापन हो सकता है ।  

कम सुनने की क्षमता - कम सुनने की क्षमता जिसको हम नजरअंदाज कर दे रहे है । वह जिन कारणों से बढ़ रही है वह है तेज़ आवाज़, ध्वनि प्रदूषण और घंटो तक हैडफ़ोन का इस्तेमाल । इंसान 20 hz से 20 khz की ध्वनियॉ सुन सकता है उसमें भी एक उम्र के बाद आप कुछ ध्वनियॉ नहीं सुन सकते । परंतु अभी आप जो ध्वनियाँ सुन सकते है उनका पता आप यूट्यूब पर विडियो देख कर भी लगा सकते है वहाँ पर भी 20 से लेकर 20000 hz की आवर्ती के ध्वनि टेस्ट है । इससे आपको कुछ अनुभव हो जायेगा । और हाँ असली समस्या है  तो वह डॉक्टर ही बता सकते है । 

डायबिटीज- पुराने समय में ये बुढ़ापे में होने वाले रोग हुआ करते थे परंतु आज सभी वर्ग के व्यक्तियों में डायबिटीज़ का खतरा रहता है । वैसे तो इसके होने का मुख्य कारण इन्सुलिन की मात्रा में कमी होता है परंतु असंतुलित जीवन शैली जैसे मोटापा, अधिक मात्रा में जंक फ़ूड खाना, मीठा खाना, अधिक चीनी का सेवन,  एक्सरसाइज न करना, शारीरिक निष्क्रियता भी इसको जन्म देती है ।   



असमय बुढ़ापा - अधिक नमक खाने की वजह से असमय बुढ़ापा आ सकता है परंतु  जीवन शैली में क्रोध और चिंताये भी इसको जल्दी ला सकते है । 

हृदय रोग- खानपान की बुरी आदतों के कारण हृदय रोगों का खतरा बढ़ता जा रहा है । जिसमें कम उम्र में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता जा रहा है । 

मानसिक तनाव- आज कल युवाओ में मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है जिसके बढ़ने के कई कारण हो सकते है जैसे काम का बोझ, अकेलापन, पारिवारिक झगड़े । अधिक मानसिक तनाव आगे चलकर मानसिक बीमारियों का रूप ले लेते है । 

मोटापा- मोटापे की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है । इसमें सबसे ज्यादा खानपान की बुरी आदतें और एक्सरसाइज न करना जिम्मेदार है । अत्यधिक मात्रा में जंकफूड, कोल्ड ड्रिंक का सेवन करने से यह बढ़ती जा रही है । 

आधुनिक जीवन-शैली व देखभाल 


जल्दी उठना और जल्दी सोना - वैसे तो कोशिश यही करनी चाहिए की रात को जल्दी सो जाये और सुबह जल्दी उठे । अधिक न सोये, ना ही कम नींद लें । जल्दी उठने के कई फायदे भी होते है जैसे की स्वस्थ हवा मिलती है, इंसान ज्यादा एक्टिव रहता है, सुबह खाली समय मिल जाता है ।   

व्यायाम - अगर आप फिजिकल वर्क नहीं करते है तो आपके लिए यह कही अधिक जरुरी हो जाता है की आप व्यायाम करे । एक्सरसाइज से आप स्वस्थ और निरोगी रहते है मोटापे की समस्या से भी आप निजात पा लेते है और दिल और दिमाग स्वस्थ रहता है । आप डांसिंग को भी अपने जीवन शैली में शामिल कर सकते है । 

संतुलित आहार- असमय खानपान की आदतों से बचे । एक संतुलित आहार का नियम बनाये । कब खाना है और कितना खाना है इस बात का भी ध्यान अवश्य रखें । भूखे न रहे और अत्यधिक भोजन की आदतों से भी बचे । आप अपनी जरुरत के हिसाब से एक भोजन चार्ट बना सकते है और उसे फॉलो करें । फलों और हरी सब्जियों को भी अपने खानपान में शामिल करें । 

स्वास्थ्य परीक्षण  - आज कल मेडिकल के क्षेत्र में बहुत तरक्कियाँ हो चुकी है । फिर भी हम बिना बीमार पड़े स्वास्थ्य परीक्षण नहीं करवाते । कितनो को तो अपना ब्लड ग्रुप भी पता नहीं होता । कम से कम रक्तचाप, डायबिटीज़, यूरिया और खून की जाँच अवश्य करानी चाहिए ।   


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धन्यवाद 

13 September, 2016

अकेलापन

आज कल की इस भाग-दौड़ वाली जीवन शैली में अक्सर न चाहते हुए भी हम अकेलेपन के शिकार हो जाते है यूँ तो हम अपने सम्बन्धियों और मित्रों से सोशल मीडिया में जुड़े रहते है और हमेशा संपर्क में भी रहते है परंतु फिर भी इस वर्चुअल वर्ल्ड के जुड़ाव के बावजूद हममें से कई लोग अकेलेपन का अनुभव करते है । इस अकेलेपन के कई कारण हो सकते है -

अकेलेपन के कारण

1. परिस्थितियों की वजह से - जैसे की समय की कमी, अत्यधिक काम का बोझ  । 

2. जीवन में असफलता के कारण । 

3. कई बार जानबूझ कर खुद को सबसे अलग कर लेना । 

4. पारिवारिक झगड़ों की वजह से । 

5. बेरोजगारी के कारण । 

6. किसी अपने को खो देने की वजह से या किसी प्रिय का वियोग । 

अकेलेपन से नुकसान 

1. इंसान तनाव, अवसाद से घिर जाता है । 

2. अकेलापन मानसिक रूप से बीमार बनाता है । 

3. इससे व्यक्ति के आत्मविश्वास में कमी आ जाती है ।

4. यह आपको लोगों और समाज से दूर कर देता है ।

5. आप चिड़चिड़े, उदास, दुःखी रहने लगते है आप आत्मघाती भी बन सकते है ।  

6. अनिद्रा के शिकार हो सकते है जिससे आप हमेशा थके- थके और आलसी हो सकते है ।

7. आप मोटापे के शिकार हो सकते है ।  


कैसे दूर करें अकेलेपन को 


1. परिवार और मित्र- अकेलेपन को दूर करने का पहला उपाय परिवार और मित्र लोग ही है । अपने परिवार और मित्रों के साथ वक्त निकाल कर समय व्यतीत करें । अगर यह सम्भव नहीं तो कम से कम उनसे बात करें सिर्फ टेक्स्ट मैसेज भेज कर काम नहीं चलेगा । 

2. अकेलेपन का कारण- उन कारणों का पता लगाये जो आपको अकेलेपन की ओर धकेलती हो । मोबाइल फ़ोन को कम्युनिकेशन के लिए विकसित किया गया था । परंतु आज बहुत से लोग मोबाइल में इस तरह डूब जाते है कि वे खुद अपने आप को सबसे अकेला कर लेते है । इसलिए उन कारणों को जानना जरुरी है जो आपको सबसे दूर करते है । 

3. कुछ नया सीखे- आप कोई नयी भाषा सीख सकते है या कोई म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाना सीख सकते है । या फिर कोई नयी हॉबी या स्किल्स सीख सकते है ।  ये भी आपके अकेलेपन को दूर करने में मदद करेंगें ।  

4. एक्सरसाइज करें- वैसे तो एक्सरसाइज करने से आपका अकेलापन दूर नहीं होगा परंतु  अगर आप अकेलेपन के शिकार हो चुके है तो ये आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सही बनाये रखने में मदद करेंगें । इसके अलावा आप डांसिंग भी कर सकते है । 

5. यात्रा- यात्रा करने से नये- नये अनुभव प्राप्त होते है और विभिन्न स्थानों पर जाने से एक नया जोश और फुर्ती आ जाती है और आप नये- नये लोगों से मिलते है उनसे बात करते है, जिससे आपका अकेलेपन दूर हो सकता है । 

6. नशे से दूर रहे- अकेलापन होने पर नशे की ओर आकर्षित न हो । नशा कभी भी इंसान का अकेलापन नहीं मिटाता । ये आदतें आपको अकेलेपन से निकालने के बजाय आपको नशे का आदी बना देंगी । 

7. पालतू जानवर- अगर आप किसी कारण वश परिवार और मित्रों के साथ समय व्यतीत नहीं कर पा रहे है तो कोई पालतू जानवर पाल ले । वह आपकी अकेलेपन से निकलने में बहुत सहायता करेगा क्योंकि आपको उसका हमेशा ध्यान रखना पड़ेगा जिससे आपका ध्यान आपके अकेलपन से दूर हो जायेगा और आपको उससे बहुत प्यार भी मिलेगा ।

8. सामाजिक गतिविधियाँ- आप अपने जगह की अलग- अलग सामाजिक गतिविधियों में भाग ले सकते है । या फिर कोई सामाजिक कार्य और सेवा कर सकते है । 



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12 September, 2016

असफलता

असफलता क्यों है जरुरी

हम सभी एक सफल जिंदगी की कामना करते है और हमारा लक्ष्य जीवन में सफलता पाना होता है । परंतु आज मैं, आपसे असफलता पर चर्चा करना चाहता हूँ लेकिन मेरा मकसद ये नहीं की आप असफल हो बल्कि ये कि अगर आप असफल होते है तो क्या करें । बहुत सारे सफल व्यक्ति जो हमारे आदर्श होते है, हम सिर्फ उनकी सफलता को ही देखते है और उन्होंने इस सफलता को पाने में  कितनी बार असफलता का स्वाद चख़ा है हम वो जानना नहीं चाहते । 

असफल होने पर 

आप असफलता को किस तरह लेते है यह आप पर निर्भर करता है । असफल होने पर दो तरह से प्रतिक्रिया होती है -

1. इंसान निराश हो जाता है और अपनी किस्मत को दोष देता है और हार मान लेता है ।
या
2. असफलता से सीखकर, जहाँ कमी रह गयी हो उन कमियों को दूर कर दुबारा कोशिश करता है । 

हमें हमेशा असफलता से हार नहीं माननी चाहिए और हमें निराशावाद को छोड़ कर आशावादी बनना चाहिए । अगर आप आशावादी है तो आप जानेंगे कि असफलता क्यों है जरुरी-



असफलता क्यों है जरुरी

1. असफलता आपको मजबूत बनाती है । 

2. ये आपको आपकी कमियाँ बताती है । 

3. सफल लोग अपनी असफलता से ही सीखते है । 

4. ये आपकी एक बेहतरीन शिक्षक है । 

5. असफलता सफलता से कही ज्यादा महत्वपूर्ण है । असफलता ही सफलता का आधार है ।


इन बातों का भी रखें ध्यान 

1. जीवन में कठिनाइयाँ आती जाती रहती है ।

2. आशावादी बने ।

3. दूसरे की सफलता से खुद की तुलना न करें ।

4. खुद पर भरोसा रखें और अपने लक्ष्य पर ध्यान दें ।

5. असफलता को स्वीकार करें । यह जीवन का एक हिस्सा है । इससे जीवन समाप्त नहीं हो जाता, जीवन का आनंद लें ।

6. असफलता को सीढी बना कर सफलता हासिल की जा सकती है ।


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                                एक नजर इन खेलो पर


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धन्यवाद 


09 September, 2016

गली क्रिकेट

बात करे क्रिकेट की तो लगभग सभी ने इस खेल को जरूर खेला होगा और समय मिलने पर आज भी शायद आप इसे खेलते होंगे लेकिन बचपन की बात ही कुछ और होती है । अगर आपके पास बड़ा मैदान है तो शायद आपने स्टैण्डर्ड क्रिकेट का लाभ उठाया होगा परंतु बहुत बार जगह की कमी के होने की वजह से बच्चे गलियों में, सोसाइटी में ही क्रिकेट खेलने लगते है । जो रोचक बात इसको स्टैण्डर्ड क्रिकेट से अलग बनाती है वो है इसके नियम । तो आइये आज हम गली क्रिकेट की ही बात करते है --  

क्रिकेट किट ( क्रिकेट का सामान )

1. बैट ( बल्ला ) - बल्ला है तो अच्छी बात है, नहीं तो किसी लकड़ी का फट्टा भी चलेगा ।

2. बॉल - प्लास्टिक की बॉल, कॉस्को की बॉल, और तो और कपड़े की बॉल से खेलते है बहुत कम जगह ही लेदर की बॉल से खेलते है । 

3. विकेट - किसी दीवार का पिलर, पत्थरों या ईटों का विकेट, कोई बाल्टी या दो पत्थर कुछ दूरी पर लगा लो अगर उनके बीच से बॉल चली जाये तो आउट । 

अंपायर - वो खिलाड़ी जो दोनों तरफ से सिर्फ बैटिंग करता है बॉलिंग और फील्डिंग नहीं । बाकी टाइम उसका काम सिर्फ अंपायरिंग करना होता है । हाँ जब वो बैटिंग कर रहा हो तो उस समय उसकी जगह अंपायरिंग बैटिंग टीम का कोई अन्य सदस्य करता है । 
या फिर अंपायर बैटिंग टीम का ही कोई सदस्य बनता है । और जो दोनों तरफ से खेलता है उसको कॉमन प्लेयर बोल देते है । 


नियम

नियमों की सूची तो गल्ली क्रिकेट में बहुत लम्बी है क्योंकि हर जगह अलग- अलग नियम चलते है फिर भी कुछ सामान्य नियम निम्न है  -

1. ट्राय बॉल - पहली फेंकी जाने वाली बॉल ट्राय बॉल होती है । 

2. वन टिप वन हैण्ड (One tip One Hand) - बल्ले से लगने के बाद बॉल एक टिप (टप्पा ) खा जाये और फिर फील्डर ने उसे एक हाथ से कैच कर लिया तो उसे वन टिप वन हैण्ड कहते है इससे बैट्समैन आउट हो जाता है । 

3. तेज बॉल फैंकने की नहीं होगी । 

4. तेज शॉट मारा और बॉल दूर चले गयी तो आउट और बॉल भी खुद बैट्समैन को लानी होगी । 

5. बॉल किसी स्पेशल एरिया, दीवार या नाली में गयी तो आउट होगा । 

6. बॉल किसी के घर पर चली जाए तो आउट होगा । 

7. आखिरी बचा बैट्समैन अकेला खेल सकता है । 

8. अगर बॉलर अधिक रन पीटा रहा है तो वो रिटायर या बेबी ओवर

9. लगातार तीन वाइट फैंकी तो ओवर डिसमिस हो जाता है । 

10. दीवार में डायरेक्ट बॉल लगी तो 6, और टप्पा खा कर लगी तो 4 रन होंगे । चौके और छक्के के अलग- अलग नियम भी हो सकते है । 
11.  जो मैच को बीच में छोड़ कर जायेगा, उसे अगले दिन नहीं खिलायेंगे । 


बेईमानियाँ -

अंपायर बैटिंग टीम का ही होता है तो बहुत बार चीटिंग हो जाती है । 

एल. पी. डब्लू, स्टंपिंग, रन आउट को नहीं मानना और कई बार तो रन आउट डिक्लेयर करने के लिए कोई बंदा रखना पड़ता है जो दोनों टीमों से नहीं खेल रहा हो । 

जिसका बल्ला बॉल उसकी चलेगी । वरना वो अपना बल्ला बॉल ले कर चल देता है । 

रनों में बेईमानी करना । अक्सर रन दूसरी टीम को याद नहीं रहते । तो लोग कम रन बना कर ज्यादा बता देते है और अगर दूसरी टीम का कोई सदस्य रन याद कर रहा हो तो लड़ाई हो जाती है । 


आशा करता हूँ  आपको इस लेख के द्वारा गली क्रिकेट के वे दिन याद जरूर आये होंगे और अगर आपके वहाँ कुछ अलग नियम चलते हो तो आप हमें कमैंट्स लिख कर जरूर बतायें । 

06 September, 2016

सितम्बर में जन्मे व्यक्ति

नमस्ते दोस्तों,

आज मैं आपके सामने सितम्बर में जन्मे कुछ विशेष व्यक्तियों का जन्मदिन लेकर आया हूँ । जैसा की आप जानते ही है जन्मदिन एक विशेष दिन होता है उस व्यक्ति और उनके चाहने वालों के लिए । आप भी शायद इनमें से कई को पसंद करते होंगें और उनका जन्मदिन अवश्य जानना चाहते होंगें । हो सकता है इनमें कुछ नाम छूट जाये फिर भी आशा करता हूँ आपको ये जानकारी जरूर पसंद आएगी -



3 सितम्बर - विवेक ओबेरॉय, कलाकार: फिल्म जगत ।

3 सितम्बर - शक्ति कपूर, कलाकार: फिल्म जगत ।

4 सितम्बर - ऋषि कपूर, कलाकार: फिल्म जगत ।

5 सितम्बर - डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, ये स्वत्रंत भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति रहे । ये  एक महान शिक्षक, दार्शनिक, वक्ता थे, इन्हीं के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है ।  

8 सितम्बर - आशा भोंसले, गायिका, फिल्म जगत ।

9 सितम्बर - अक्षय कुमार, कलाकार: फिल्म जगत ।

10 सितम्बर - अनुराग कश्यप, निर्देशक फिल्म जगत ।

11 सितम्बर - श्रेया सरन, कलाकार: फिल्म जगत ।

12 सितम्बर - प्राची देसाई, कलाकार: फिल्म जगत ।

14 सितम्बर - आयुष्मान खुराना, कलाकार: फिल्म जगत ।

17 सितम्बर - नरेंद्र मोदी, वर्तमान प्रधानमंत्री ।

20 सितम्बर - महेश भट्ट, निर्माता निर्देशक फिल्म जगत ।

21 सितम्बर - करीना कपूर, कलाकार: फिल्म जगत ।

23 सितम्बर - रामधारी सिंह 'दिनकर', लेखक, ये हिंदी के प्रमुख कवि, लेखक और निबन्धकार थे । इनके लेखन में वीर रस की प्रधानता थी । इनकी प्रमुख कृतियाँ उर्वशी, परशुराम की प्रतिज्ञा, कुरुक्षेत्र, रश्मिरथी आदि थी । 

23 सितम्बर - प्रेम चोपड़ा, कलाकार: फिल्म जगत ।

26 सितम्बर - ईश्वर चन्द्र विधासागर, ये एक महान विद्वान थे । इन्होंने विधवा पुनर्विवाह के लिए आंदोलन किये तथा नारी शिक्षा के लिए भी प्रयास किये ।

26 सितम्बर - देव आनंद, कलाकार: फिल्म जगत ।

26 सितम्बर - डॉ. मनमोहन सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री ।

27 सितम्बर - यश चोपड़ा, निर्देशक फिल्म जगत ।

28 सितम्बर - भगत सिंह, देशभक्त, भारत के एक प्रमुख स्वतन्त्रता सेनानी थे । इन्होंने देश की आजादी के लिए जिस वीरता और साहस का परिचय दिया वो आज भी देश के युवाओं के लिए आदर्श है ।

28 सितम्बर - लता मंगेशकर, गायिका, फिल्म जगत ।

28 सितम्बर - रणबीर कपूर, कलाकार: फिल्म जगत ।

29 सितम्बर - महमूद, कलाकार: फिल्म जगत ।




03 September, 2016

सितम्बर के कुछ महत्वपूर्ण दिन

आज हम बात कर रहे है सितम्बर में आने वाले कुछ महत्वपूर्ण दिनों की जो अपना राष्ट्रीय या अंतराष्ट्रीय महत्व रखते है । इनमें से कई जानकारी सामान्य ज्ञान का विषय हो सकती है और आशा करता हूँ आपको ये जानकारी जरूर पसंद आएगी ।

5 सितम्बर, Teacher's Day 


हमारे देश में शिक्षक दिवस, देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है  । राजनीति में आने से पूर्व वे शिक्षक थे । हमारे देश में गुरु को भगवान से भी ज्यादा पूजनीय माना जाता है । शिक्षक दिवस ऐसे ही शिक्षकों का आभार प्रकट करने का तरीका है । 

8 सितम्बर, International Literacy Day


विश्व साक्षरता दिवस, विश्व भर में साक्षरता की अहमियत तथा साक्षरता के द्वारा लोगो के उत्थान के लिए मनाया जाता है । विश्व भर में अभी भी बहुत से लोग शिक्षित नहीं है या उनमें कौशल की कमी है । 

14 सितम्बर, Hindi Day


हिन्दी दिवस हर साल 14 सितम्बर को मनाया जाता है । इस दिन काव्य सम्मेलन, कवि गोष्ठी आदि का आयोजन किया जाता है और हिंदी के क्षेत्र में काम करने के लिए राजभाषा गौरव पुरुस्कार, राजभाषा कीर्ति पुरुस्कार आदि पुरुस्कार भी दिए जाते है ।


16 सितम्बर, World Ozone Day


1994 में यू एन जनरल असेंबली में 16 सितम्बर से विश्व ओजोन दिवस मनाने का निर्णय लिया । जिससे की ओजोन की घटती परत के बारे में लोगो को जागरूक किया जा सके । ओजोन परत हमें सूर्य से आने वाली हानिकारक किरणों से बचती है । 

21 सितम्बर, International Day of Peace


विश्व शान्ति दिवस, विश्व भर के देशों में शान्ति स्थापित करने के लिए मनाया जाता है ।  आज कल के युग में जहाँ हमेशा युद्ध के हालात बने रहते है और आधुनिक हथियारों की होड़ लगी हुई है । ऐसे में विश्व शांति की परम आवश्यकता बनी हुई है । 

26 सितम्बर, World Environmental Health Day


इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ एनवायर्नमेंटल हेल्थ (IFEH) के द्वारा हर साल 26  सितम्बर को यह दिवस मनाया जाता है । हर वर्ष यह एक विशेष मुद्दे पर कार्य करता है । वर्ष 2016 में इसका विषय तम्बाकू नियंत्रण है । 

27 सितम्बर, World Tourism Day


विश्व पर्यटन दिवस, विश्व भर में पर्यटन के महत्व को दर्शाने के लिए मनाया जाता है । जिससे की लोग किसी देश के सामाजिक, आर्थिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक पहलू से रूबरू हो ।      



        

01 September, 2016

सितम्बर में रिलीज़ फिल्में


आज हम बात कर रहे है सितम्बर में रिलीज़ होने वाली कुछ फिल्मों की । शायद इनमें सभी फिल्मों के नाम शामिल न हो और कभी कभी फिल्मों की रिलीज़ डेट बदल जाती है या अंत में टाल दी जाती है । अतः आप इस बात का भी ध्यान रखे । 

2 सितम्बर, अकीरा, Akira

यह एक एक्शन ड्रामा फिल्म है । 

निर्देशकः ए. आर. मुरुगाडोस, कलाकार: सोनाक्षी सिन्हा, मिथुन चक्रवर्ती, कोंकणा सेन शर्मा, उर्मिला महानता, अमित साथ, अभिमन्यु सरकार । 

9 सितम्बर, बार बार देखो, Baar Baar Dekho

यह एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है । 

निर्देशक: नित्या मेहरा,  कलाकार: सिद्धार्थ मल्होत्रा, कैटरीना कैफ, राम कपूर, अन्य ।    

9 सितम्बर, फ्रीकी अली, Freaky Ali 

यह एक स्पोर्ट्स कॉमेडी फिल्म है । 

निर्देशक: सोहैल खान, कलाकार: नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, एमी जैक्सन, अरबाज़ खान, निकेतन धीर, जैस अरोड़ा, सीमा बिश्वास, अन्य ।  



16 सितम्बर, राज़ रिबूट, Raaz Reboot

यह एक हॉरर फिल्म है । 

निर्देशक: विक्रम भट्ट, कलाकार: इमरान हाशमी, कृति खरबंदा, राहुल वर्मा, अन्य ।  

16 सितम्बर, पिंक, Pink

यह एक थ्रिल-ड्रामा फिल्म है । 

निर्देशक; अनिरुद्ध रॉय चौधरी, कलाकार: अमिताभ बच्चन, तापसी पन्नू, कृति कुलहारी, पियूष मिश्रा, अंगद बेदी, अन्य ।         

23 सितम्बर, बैंजो, Banjo

यह एक ड्रामा फिल्म है वैसे बैंजो एक वाद्य यन्त्र का नाम भी है । 

निर्देशक: रवि जाधव, कलाकार: रितेश देशमुख, नर्गिस फखरी, धर्मेश, अन्य ।    

23 सितम्बर, मनमर्ज़ियाँ, Manmarziyan

यह एक रोमांटिक फिल्म है । 

निर्देशक: समीर शर्मा, कलाकार: आयुष्मान खुर्राना, भूमि पेडनेकर, विक्की कौशल ।  

30 सितम्बर, म. एस. धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी, M. S. Dhoni : The Untold Story

यह म. एस. धौनी के जीवन पर आधारित फिल्म है ।  

निर्देशक: नीरज पांडे, कलाकार: सुशांत सिंह राजपूत, अनुपम खेर, हेरी तँगरी, किरारा अडवाणी, अन्य ।